बाराबंकी. बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात मौत हो गई है. हार्ट अटैक के बाद मुख्तार अंसारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. आपको बता दें कि पंजाब जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी को एम्बुलेंस से मोहाली कोर्ट पेशी पर जाना भारी पड़ गया था. दरअसल अप्रैल 2021 में पंजाब की मोहाली कोर्ट में पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी की बाराबंकी नंबर की फर्जी एंबुलेंस का मामला सामने आया था. जांच में पता चला था कि उसकी एंबुलेंस बाराबंकी जनपद में रजिस्टर्ड थी. उस एम्बुलेंस में मुख्तार अंसारी के लिए ऐश-ओ-आराम की पूरी व्यवस्था थी. इस खुलासे के बाद तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह ने जांच शुरू की जिसमें पता चला कि मुख्तार की वह फर्जी एम्बुलेंस UP41 AT 7171 मऊ की डाक्टर अलका राय द्वारा रजिस्टर्ड कराई गई थी. इसे लेकर एआरटीओ पंकज सिंह ने बाराबंकी की नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।
मुकदमा दर्ज करने के बाद बाराबंकी पुलिस ने मुख्तार अंसारी को फर्जी एंबुलेंस के मामले में नामजद किया था. इस मामले को लेकर ही पुलिस ने मुख्तार अंसारी और उसकी गिरोह पर गैंगस्टर भी लगाया था. 2021 में माफिया मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल में ही बंद था. वहां से पेशी पर वह इसी एंबुलेंस पर बैठकर जाता था लेकिन जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो एंबुलेंस बाराबंकी में पंजीकृत निकली. इसे लेकर बाराबंकी पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया, जिस पर डीएम के निर्देश पर तत्कालीन एआरटीओ पंकज कुमार ने जांच शुरू की. जांच में पाया गया कि मऊ की डाक्टर अलका राय द्वारा बाराबंकी में रफी नगर का फर्जी पता लगाकर एंबुलेंस को यहां रजिस्टर्ड कराया गया था.
25 मार्च 2022 को मुख्तार अंसारी समेत सभी गुर्गों के खिलाफ लगा था गैंगस्टर एक्ट
तत्कालीन एआरटीओ पंकज कुमार सिंह ने 2 अप्रैल 2021 को बाराबंकी के नगर कोतवाली में डॉक्टर अलका राय को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने जांच के बाद मुख्तार अंसारी के साथ उसके गिरोह के एक दर्जन लोगों को भी नामजद किया. 24 मार्च 2022 को तत्कालीन डीएम ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर केस को मंजूरी दी थी. उसके बाद शहर कोतवाली पुलिस ने 25 मार्च 2022 को मुख्तार अंसारी, डॉक्टर अलका राय समेत सभी गुर्गों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का भी मुकदमा दर्ज किया था. दोनों ही मामलों में पुलिस ने डॉक्टर अल्का राय समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. पुलिस ने दोनों ही मुकदमों में सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी है.
मेडिकल बोर्ड का गठन करके जांच करने की लगाई थी गुहार
दोनों मुकदमों की सुनवाई बाराबंकी कोर्ट में चल रही है. गैंगस्टर के मामले में इसी शुक्रवार को मुख्तार अंसारी की बाराबंकी के एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी होनी थी जबकि इसी मामले में बीती 21 मार्च को पेशी की दौरान मुख्तार अंसारी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाजिर नहीं हुआ था बल्कि उसने अपने वकील रणधीर सिंह सुमन के द्वारा कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिलवाया था. प्रार्थना पत्र में उसने जेल के खाने में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था. मुख्तार अंसारी की तरफ से कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि उसे जेल में धीमा जहर दिया जा रहा है, जिससे उसकी तबीयत काफी गंभीर हो गई है और ऐसा लगता है कि उसकी कभी भी मौत हो जाएगी. प्रार्थना पत्र में मुख्तार अंसारी ने इसे बड़ा षड्यंत्र बताते हुए अदालत से इलाज करवाने और मेडिकल बोर्ड का गठन करके जांच करने की गुहार लगाई थी.
रिपोर्ट: राघवेन्द्र मिश्रा/ बाराबंकी