खाउ-कमाउ नीति का जरिया बनी मनरेगा

स्थानीय समाचार

 

संवाददाता- नीरज शुक्ला (रामनगर बाराबंकी),

विकासखंड रामनगर के अंतर्गत ग्राम पंचायत अगानपुर में मनरेगा अधिनियम की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है।

अधिकारियों के सरंक्षण में मनमाने तरीके से मजदूरों की संख्या को बढ़ा- चढ़ा कर सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है।
मनरेगा नियमों को दरकिनार करते हुए मनमाने तरीके से तालाब की खुदाई की जा रही है।

शासन की मंशा के अनुरूप गांव से मजदूरों के पलायन को रोकना मनरेगा का उद्देश्य था,किंतु वर्तमान परिप्रेक्ष्य में रामनगर विकासखंड की अगानपुर में गांव के मनरेगा के तहत खोजे जा रहे तालाब में गांव के मजदूरों को न लगाकर गैर जनपद सीतापुर आदि बाहरी क्षेत्र से मजदूरों को ठेकेदारी के माध्यम से लगाकर तालाब की खुदाई की जा रही है। हमारे संवाददाता ने जब स्थलीय निरीक्षण किया तो मौके पर मजदूरों ने स्वयं के सीतापुर जनपद होने की बात स्वीकार की।

इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी रामनगर जितेंद्र कुमार से जानकारी प्राप्त की तो उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो कार्रवाई की जाएगी।

अब सवाल यह उठता है कि क्या वास्तव में जांच कर कार्यवाही की जाएगी या ऐसे ही अधिकारियों की रटी-रटाई भाषा में दिया गया जवाब केवल कागजों तक ही सीमित रहेगी।