बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के विश्व विख्यात बाराबंकी जिले में देवा मेले का शुभारंभ हो रहा है। देवा महोत्सव में जावेद अली, जस्सू खान, पद्मश्री मालिनी अवस्थी समेत बॉलीवुड के कलाकार धमाल मचाएंगे। स्थानीय कलाकारों के साथ लाफ्टर चैलेंज एवं कलर्स इंडिया के लाफ्टर शो के कला
दस दिनों तक महोत्सव में कलाकार जमाएंगे रंग
देवा कस्बे में प्रसिद्ध हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर लगने वाले मेले का 30 अक्टूबर शाम 5 बजे शेख मोहम्मद हसन गेट पर परम्परानुसार डीएम की पत्नी मेले का शुभारंभ करेंगी। दस दिनों तक लगने वाले देवा मेला में संस्कृति कार्यक्रमों के साथ बॉलीवुड के कलाकार महोत्सव की शान होंगे। अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पहले दिन रात आठ बजे से बिरहा होगा। उसके अगले दिन राजस्थानी लोक गीत गायक जस्सू खान मंच पर समां बांधेंगे। एक नवंबर को सूफियान कव्वाली का आयोजन होगा। दो को पंडित प्रेम प्रकाश दुबे द्वार मानस कार्यक्रम में भजन संध्या होगी। तीन नवंबर को बॉलीवुड गायक अमन त्रिखा अपने गीतों की महफिल जमाएंगे। चार नवंबर को देश के जाने माने प्रतिष्ठित कवि शाम को बिरहा का आयोजन होगा। पांच नवंबर को वीर रस की कविताओं पर जोश बैंड के कुलदीप और स्वरा त्रिपाठी अपने गीतों की महफिल सजाएंगे। छह नवंबर को शायर मंच की शोभा बढ़ाएंगे। सात नवंबर को जावेद अली सूफी गानों को पेश करेंगे। आठ नवंबर महोत्सव समापन के साथ आतिशबाजी से पहले पद्मश्री मालिनी अवस्थी अवधी लोक गीतों से महफिल जमाएंगी।
बीमारी के चलते पशु बाजार में नहीं दिखेंगे गाय और भैंस
एडीएम अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पशुओं में लंपी बीमारी के चलते देवा मेले में लगने वाले पशु बाजार में गाय और भैंस के बाजार पर रोक लगाई है। जानवरों के बाजार में घोड़ा और गधे की मार्केट लगाई जाएगी, इसकी नीलामी 23 अक्टूबर को निर्धारित की गई है। इस मेले में विशाल पशु बाजार लगता है, जिसमें अच्छी नस्ल के घोड़े, गधे के साथ गाय और भैंस, बकरी की खरीद बिक्री होती है।
लाखों की संख्या में पहुंचते जायरीन, पुलिस प्रशासन की कड़ी व्यवस्था
एएसपी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि मेले को 5 जोन और 23 सेक्टर में बांटा गया है। इसमें डिप्टी एसपी के साथ निरीक्षकों की तैनाती की गई है। मेले में सीसीटीवी, ड्रोन कैमरा, तीन कंपनी पीएसी बटालियन के साथ महिला कॉन्स्टेबल की तैनाती भी की गई है। कार्तिक महीने में लगने वाले इस मेले में हिंदू–मुस्लिम के साथ सभी धर्मों के श्रद्धालु लाखों की संख्या में पहुंचते हैं। दरगाह पर चादर पेश कर भव्य मेले का लुफ्त उठाते हैं।