संवाददाता राहुल कुमार।
सीडीओ का आदेश केवल चंद मिनटों के लिए सिमट कर रह गया
गाजीपुर।
मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया था कि जनपद में सभी पंचायत भवन और सार्वजनिक सामुदायिक शौचालय को सुचारू रूप से चालू करना है। लेकिन जनपद में ऐसे कई ग्राम सभा है। जहां पंचायत भवन शो पीस बन गया है। और पैसा भी उतार लिया गया। मालूम हो कि मनिहारी विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम सभा हरधना (लालपुरहरी) में बना पंचायत भवन में ताला बन्द पड़ा है। अंदर का नजारा ही अदभुद था। पंचायत भवन में एक भी सामान नहीं दिखाई दिया। यानी ग्राम प्रधान पूरा पैसा लेकर बैठ गए। लाखों रुपए का घोटाला सामने आया है। जब पंचायत सहायक से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि दो साल से सैलरी ही नहीं मिली तो कौन बैठेगा। एक महीने से पंचायत भवन बंद पड़ा है। ग्राम सभा में जम कर भ्रष्टाचार किया गया है। वही सचिव मुकेश कुमार से जब बात हुई तो उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया केवल लीपा पोती करने लगे। ग्राम प्रधान पावरू यादव का कहना है कि पंचायत भवन खुलता है। प्रधान को कौन बताए की पंचायत भवन को खोल कर बैठना महत्वपूर्ण नहीं है। उसमें पूरी व्यवस्था भी होनी चाहिए जो शासन से बताया गया है। ऐसे लोगों को उच्च अधिकारियों का कोई डर नहीं है। अगर ग्राम पंचायत में कोई भ्रष्टाचार होता है तो उसमें ग्राम विकास अधिकारी का मुख्य भूमिका रहती हैं। अमृत सरोवर के नाम पर फर्जीवाड़ा, मनरेगा में फर्जीवाड़ा, पंचायत भवन में फर्जीवाड़ा, सामुदायिक शौचालय में फर्जीवाड़ा, आवास योजना में वसूली, इन सभी कार्यों पर लाखों रुपए गबन किया गया है। जितना लिखा जाएगा उतना कम है। अगर जिले के आलाधिकारियों ने सारे बिंदुओं पर स्थलीय निरीक्षण करें तो 95% अधिकारियों पर कार्रवाई होना स्वभाविक है। लेकिन ऐसा करेगा कौन अधिकारियों के कमीशन के चक्कर में भोली भाली जनता शिकार हो जाती हैं। अब देखना होगा की मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।