बाराबंकी: अदालत राजी हुई तो केडी से बाबू की कोठी राष्ट्रीय स्मारक घोषित होगी। कोठी में केडी सिंह बाबू की स्मृतियों को संजोया जाएगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजी हो गए हैं। अदालत की बाधा दूर होते ही इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया जाएगा।वरिष्ठ साहित्यकार अजय सिंह गुरूजी ने किया बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि कानूनी चलें दूर करने के बाद कोठी का अधिग्रहण कर राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया जाएगा। भारत को हॉकी में ओलंपिक का पहला पदक दिलाने वाले देश के पहले और अंतिम हेल्म्स ट्राफी विजेता बाबू केडी सिंह का इसी कोठी में बचपन बीता था। कोर्ट नंबर 16 ने कोठी की सार्वजनिक नीलामी की नोटिस चस्पा कर दी है। जिसके तहत 11 मार्च को कोठी की नीलामी की मुकर्रर है।
इस विशाल कोठी से न केवल बाबू केडी सिंह की यादें जुड़ी हुई है। बल्कि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के समकालीन कवि एवं साहित्यकार उनके बड़े भाई कुंवर राजेंद्र सिंह का बचपन भी इसी कोठी में बीता था। कोठी का निर्माण उनके पिता राय बहादुर रघुनाथ सिंह ने कराया था। केडी सिंह बाबू अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में एक बड़ा नाम है। बाराबंकी में भी उनके चाहने वालों की बड़ी संख्या है। 14 वर्ष की अवस्था में देवा मेला के खेल मैदान से अपनी खेल प्रतिभा का परिचय देकर बाबू केडी सिंह अंतरराष्ट्रीय खेल जगत पर छा गए थे। उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी माना जाता है। इसी कारण से उन्हें हेल्म्स थर्ड फाउंडेशन ने हेल्म्स ट्रॉफी प्रदान की थी। जिसे अंतरराष्ट्रीय जगत में खेल का नोबेल पुरस्कार माना जाता है।