धार्मिक नगरी काशी और मथुरा ने नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसे तमिलनाडु के दो दशकों तक पर्यटकों को आकर्षित करने के कीर्तिमान को ध्वस्त कर दिया है। पिछले एक वर्ष के दौरान तमिलनाडु के विभिन्न शहरों में जहां 22 करोड़ पयर्टक पहुंचे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के सिर्फ दो शहरों काशी और मथुरा में 23 करोड़ पर्यटक आए हैं। यह धार्मिक पर्यटन का सर्वाधिक आंकड़ा है। देश और दुनिया के सैलानियों के लिए तमिलनाडु के समुद्र तट, दुर्गम पहाड़ियों पर बसे शहर पहली पसंद रहते हैं। वर्ष 2022-23 के दौरान रामेश्वरम में करीब 10 करोड़ पर्यटक पहुंचे। इसी तरह कन्याकुमारी में सैलानियों का आंकड़ा सात करोड़ तक पहुंचा है। चार करोड़ और पर्यटक आए हैं। मगर, बदलते उत्तर प्रदेश के नव्य, भव्य और दिव्य काशी विश्वनाथ धाम और मुरली मनोहर की जन्मस्थली मथुरा ने तमिलनाडु के सभी शहरों को पछाड़ दिया है।
काशी के प्रमुख पर्यटक स्थल वाराणसी में पर्यटकों के लिए काशी विश्वनाथ, गंगा आरती, रामनगर का किला के अलावा सारनाथ में धमेख स्तूप और लाइट एंड साउंड शो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। काशी विश्वनाथ धाम नव्य भव्य काशी विश्वनाथ धाम और गंगा आरती के अलावा क्रूज परिवहन ने काशी आने वाले पर्यटकों सुखद अहसास कराया है। टूर ऑपरेटर संतोष सिंह ने बताया कि काशी आने वाले पर्यटक काशी विश्वनाथ धाम के बाद गंगा आरती और क्रूज से गंगा दर्शन की मांग करते हैं।
तमिलनाडु में पर्यटकों की संख्या
- रामेश्वरम 10 करोड़
- धनुषकोड़ी 04 करोड़
- कन्याकुमारी 7 करोड़
- वन्य अभ्यारण्य में एक करोड़
यूपी में पर्यटकों की संख्या
- काशी 12 करोड़
- मथुरा 11 करोड़
- अयोध्या 6 करोड़
- प्रयागराज 2.5 करोड़