नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी के दक्षिणपूर्व में एक चक्रवात बनने के शुरुआती संकेत मिले हैं और मछुआरों तथा नौ-परिवहन से जुड़े लोगों को इस क्षेत्र में जाने को लेकर चेतावनी जारी की गई है। मौसम कार्यालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि नौ मई को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात बनने का अनुमान है।
महापात्रा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले दिन उसी क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने के अनुमान के साथ छह मई को चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बन सकती है। चक्रवात का नाम ‘मोचा’ रखा जायेगा। यमन ने लाल सागर तट पर अपने एक बंदरगाह शहर ‘मोचा’ के नाम पर चक्रवात के इस नाम को सुझाया है। महापात्रा ने कहा कि मौसम प्रणाली के आठ मई को कम दबाव के क्षेत्र में केंद्रित होने और नौ मई को एक चक्रवात में तेज होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि चक्रवात के बंगाल की मध्य खाड़ी की ओर बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चक्रवाती परिसंचरण का क्षेत्र बनने से पहले ही पूर्वानुमान जारी कर रहे हैं ताकि मछुआरें और नौ-परिवहन से जुड़े लोग इसी के अनुसार अपनी योजना बना सकें।’’
उन्होंने मछुआरों से दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने का आग्रह किया क्योंकि इस क्षेत्र में 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है। महापात्रा ने कहा, ‘‘कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद हम चक्रवात मार्ग के बारे में ब्योरा जारी करेंगे।’’ अप्रैल, मई और जून हिंद महासागर क्षेत्र के लिए चक्रवात का मौसम है और मई में चक्रवातों की अधिकतम आवृत्ति देखी जाती है। अन्य चक्रवाती मौसम अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर है।