किसानों को जल संरक्षण और पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम हेतु एडब्ल्यूडी तकनीकी की दी गई जानकारी*

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*किसानों को जल संरक्षण और पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम हेतु एडब्ल्यूडी तकनीकी की दी गई जानकारी*

उत्तराखण्ड,,,,,

संवाददाता… ब्यूरो चीफ ईश्वर सिंह 

 

खटीमा तहसील क्षेत्र के अंतर्गत नौगजा गांव में भारतीय किसान यूनियन के ब्लाक अध्यक्ष लखविंदर सिंह के आवास पर किसानों की एक बैठक का आयोजन किया गया बैठक में किसानों को नया सवेरा वेलफेयर सोसाइटी द्वारा धान की डबल फसल उत्पादन में जल संरक्षण और पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम हेतु किसानों को सिंचाई की एकांतर गीला एवं सूखा पद्धति एडब्ल्यूडी तकनीकी के बारे में जानकारी दी गई।

इस दौरान किसानों को धान की डबल फसल उत्पादन में जल बचाव, जलवायु तथा वायुमंडल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एडब्ल्यूडी तकनीकी को अपनाकर इस मुहिम का हिस्सा बनने की जानकारी देकर प्रेरित किया गया। वहीं किसानों को बताया गया धान की डबल फसल उत्पादन में सिंचाई की एकांतर गीला एवं सूखा पद्धति अपनाने से उत्पादन पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा और उत्पादन में किसानों का कम खर्च भी आएगा, साथ ही वातावरण भी शुद्ध रहेगा और आने वाले समय में जल का भी भारी मात्रा में बचाव होगा। वहीं एडब्ल्यूडी तकनीकी अपनाकर धान के डबल फसल उत्पादन मे प्रति हेक्टेयर निर्धारित प्रोत्साहन राशि भी किसानों को देने की बात कही गई। आपको बता दें कि निरन्तर घटते हुए जलस्तर और वातावरण में बढ़ते हुए प्रदूषण को लेकर पूरे विश्व में एक चिंता का विषय बना हुआ है जिस संदर्भ में एक सकारात्मक पहल करते हुए संस्था द्वारा जल संरक्षण को लंबे समय तक बरकरार रखने तथा वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए किसानों को धान की डबल फसल उत्पादन में सिंचाई की एकांतर गीला एवं सूखा पद्धति की जानकारी दी जा रही है। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष लखविंदर सिंह ने बताया कि नया सवेरा वेलफेयर सोसाइटी द्वारा सिंचाई की एकांतर गीला एवं सूखा पद्धति अपनाकर धान के डबल फसल उत्पादन करने की जो जानकारी दी जा रही है वह जल संरक्षण और वातावरण प्रदूषण को कम करने का एक सकारात्मक पहल है। वहीं उन्होंने धान की डबल फसल उत्पादन में इस तकनीकी को अपनाकर सभी किसानों को मुहिम का हिस्सा बनने का विश्वास दिलाया। इस दौरान हरेंद्र प्रसाद, मोहम्मद मुस्तकीम मलिक, गोरख नाथ, सतनाम सिंह, गुरमुख सिंह, गुरपाल सिंह, करनैल सिंह, यादवेंद्र सिंह, छिंदर सिंह, सतपाल सिंह गोल्डी, इकबाल सिंह, कामरेड दर्शन सिंह हरेंद्र प्रसाद सहित दर्जनों किसान मौजूद रहे।