संवाददाता- नीरज शुक्ला (रामनगर बाराबंकी)
जनपद की बहुचर्चित कही जाने वाली तहसील रामनगर अंधकार में डूबी हुई है।
बुढ़वल रेलवे स्टेशन से लेकर लोधेश्वर महादेवा तक लगे बिजली के खंभों में बल्ब लापरवाही की पोल खोल रहे है।
फतेहपुर मोड़ व बुढ़वल चौराहे पर लगी स्ट्रीट लाइट महज शो पीस शाबित हो रही है। ऐसे में शाम होते ही चौराहे की सड़कों पर अंधेरा छा जाता है। जिसके चलते रामनगर चौराहे की रौनक भंग हो गयी है।
सड़कों के किनारे लगे बिजली के खंभों में स्ट्रीट लाइट न होने से यहां के व्यापारी व राहगीरों को आवागमन में बड़ी परेशानी होती है। चौराहे पर अंधेरा होने के चलते चोर-लुटेरों की भी चांदी हो गयी है। चौराहे पर व्याप्त अंधकार की वजह से आये दिन दुकानों का ताला तोड़कर चोरी व लूट जैसी बड़ी वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। जिम्मेदारो के संज्ञान होने के बावजूद भी इस बड़ी समस्या को अनदेखा किया जा रहा है।
चौराहे पर पर्याप्त मात्रा मे स्ट्रीट लाइट न होने से रात के समय राहगीरों को आवागमन में बड़ी परेशानी हाे रही है। अंधेरा होने का फायदा चोर उचक्के भी उठा लेते हैं। गांवों में घरों और दुकानों के ताले टूटने की आशंका बनी रहती है। बुढ़वल पावर हॉउस से लेकर महादेवा तक सालों से खम्भे मे लगी लाइट बंद पड़ी है। फिर खंभों पर शोपीस के रूप में केबल ही लटक रही है। वहीं प्रशासन द्वारा दिया जाने वाला बजट कागजाें में ही खानापूर्ति कर खर्च दिखा दिया जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि गांवों में स्ट्रीट लाइट न होने से हादसे का अंदेशा रहता है। राष्ट्रीय राजमार्ग बाँदा बहराइच स्थित फतेहपुर मोड़ पर रात में गुजरने के दौरान वाहन आपस में टकराने के मामले अक्सर होते रहते है। स्ट्रीट लाइट न होने से यह स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय तो हर सुविधा देने के वादे जनता से किए जाते हैं, लेकिन चुनाव के बाद कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। पिछले पंचायत चुनाव में भी गांव की गलियों में स्ट्रीट लाइटों की सुविधा गली-गली में देने का वादा किया गया था। पांच साल का कार्यकाल ही सरपंचों का पूरा होने वाला है,लेकिन गांवों में सुविधाओं को लोग अभी भी तरस ही रहे हैं।