मोहम्मदाबाद तहसील में योजनाएं नहीं, संवेदना बंटी – मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना बीमा योजना के तहत 13 लाभार्थियों को मिला आश्वासन का चेक”

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संवादाता वसीम खान:मोहम्मदाबाद गोहना मऊ सरकारी योजनाएं अक्सर आंकड़ों में गुम हो जाती हैं, लेकिन सोमवार को मोहम्मदाबाद तहसील में जो हुआ, वह आंकड़ा नहीं एक अहसास था। मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत जब तेरह लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक सौंपे गए, तो वह केवल अनुदान नहीं था — यह भविष्य का आश्वासन था।कार्यक्रम की अध्यक्षता उप जिलाधिकारी अभिषेक गोस्वामी ने की और मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष लालजी वर्मा उपस्थित रहे। यह मंच केवल नेताओं और अफसरों के भाषणों के लिए नहीं सजा था, बल्कि उन चेहरों के लिए था जो कभी खुद को सिस्टम से दूर समझते थे।

यह केवल योजना के लाभ का वितरण नहीं था, यह जनता और शासन के बीच जुड़ाव का प्रतीक था।हर चेक के साथ एक हाथ नहीं, एक आत्मविश्वासथमा दिया गया।मंच से कहा गया – समस्या लेकर आइए, समाधान यहीं मिलेगा। उपजिलाधिकारी अभिषेक गोस्वामी बोले जब एक गरीब किसान अपनी परेशानी लेकर आता है, तो वह सिर्फ सहायता नहीं चाहता, वह सम्मान चाहता है। और प्रशासन का काम है उसे वह सम्मान देना।यह बयान एक अफसर का नहीं, एक संवेदनशील प्रतिनिधि का था — जो काग़ज़ नहीं, चेहरे पढ़ना जानता है।

लालजी वर्मा ने साधा दिलों का निशाना:किसान की पीड़ा सिर्फ मौसमी नहीं होती, वह जीवनभर की होती है। सरकार की मंशा है कि वह दर्द अब अकेला न रहे।उन्होंने लेखपालों और राजस्व कर्मियों को केवल जिम्मेदार नहीं, जनसेवक की तरह काम करने का संदेश दिया।उन तेरह लाभार्थियों में किसी की आंखें भीगी थीं, कोई बार-बार चेक को देख रहा था, तो कोई पास खड़े लेखपाल को धन्यवाद कह रहा था। ये भावनाएं किसी स्क्रिप्ट का हिस्सा नहीं थीं — *यह सरकारी व्यवस्था में उम्मीद की वापसी थी।

मोहम्मदाबाद तहसील का यह आयोजन एक उदाहरण है कि जब सरकार योजनाओं को संवेदना के साथ जोड़ती है, तब चेक का मतलब सिर्फ पैसा नहीं, सम्मान और सुरक्षा बन जाता है।यह एक ऐसा क्षण था, जब सरकारी मंच पर जनता का भरोसा खड़ा हुआ— और यही असली लोकतंत्र की सबसे बड़ी जीत होती है