आज के परिवेश मे पत्रकारिता करनी है तो एक हाथ में कलम एक हाथ में ….!  सुनील कुमार

PRESS RELEASE

आज के परिवेश मे पत्रकारिता करनी है तो एक हाथ में कलम एक हाथ में ….!  सुनील कुमा

(बलिया)  पत्रकारो के जिला पत्रकार सम्मेलन रसडा़ मे विद्वानों द्वारा कहीं बाते है। वास्तव में अगर पत्रकार अनुसरण करते तो स्वच्छ समाज स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण होता लेकिन मंच की बातें मंच पर ही रह जाती है जीवन में उतारना दूषित वातावरण में संभव नहीं है।आजाद देश का कठीन दौर चल रहा है। सम्मेलन में ऐसे पत्रकार भी बैठे थे जो पत्रकार पर व्यापारी बनकर समाचार लिखने पर नोटिस देते है। सम्मेलन में ऐसे भी पत्रकार थे जिन्हें पत्रकारिता का महत्व ही नहीं पता।उक्त बाते ग्रापए तहसील इकाई रसडा़ के महामंत्री सुनील कुमार ‘सरदासपुरी’के है। और कहते हैं पूरे देश में हर जगह हर विभाग में भ्रष्टाचार हैं, और राजनेता भ्रष्टाचार के रक्षक है ऐसे में पत्रकारिता करना कितना कठिन है यह सोचने का विषय है। क्षेत्र के मशहूर व्यंग रचनाकार सरदासपुरी लिखते हैं “क्या लिखूँ सियाही सूख गई है,राजनीति का रंग देख के।रुहें काप जाती है,नेताओं का ढंग देख के”। कुछ पत्रकार ऐसे भी होते है विशुद्ध वातावरण के शिकार हो जाते हैं और पत्रकारिता बदनाम हो जाती है इस स्थिति में पत्रकारों को सावधान होकर पत्रकारिता करनी चाहिए जिससे अपनी छवि के साथ पत्रकार समूह की छवि बनी रहे।इस पर सरदारपुरी कहते हैं आज के प्रवेश में अगर पत्रकारिता करनी है तो “एक हाथ में कलम एक हाथ में तलवार चाहिए, कहीं पर प्यार तो, कहीं पर वार चाहिए”।