बाराबंकी: पति पत्नी के बीच हुये विवाद और मारपीट की वजह दोनों की मौत का कारण बन गई। कोतवाली क्षेत्र रामसनेहीघाट घाट के पूरे शुक्ल मजरे महुलारा निवासी संतोष मिश्रा का किसी बात को लेकर अपनी पत्नी बीनू से विवाद होने लगा। जानकारी के मुताबिक विवाद के दौरान दोनों रसोई में थे। विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि संतोष ने पत्नी बीनू को बुरी तरह मारा पीटा। मारपीट के दौरान खुद को सम्भाल न पाने की वजह से बीनू किचन में गिर गई और पति संतोष उसे अकेला छोड़कर फरार हो गया।कोतवाली रामसनेहीघाट क्षेत्र के पूरे शुक्ल मजरे महुलारा गांव में सोमवार को संदिग्ध हालात में महिला की मौत के बाद पति पर हत्या का आरोप लगा था। मगर मंगलवार को पति का शव भी गांव से दो किलोमीटर दूर पेड़ में फंदे पर लटका पाया गया। इन घटनाओं से जहां मृतका के परिजनों में कोहराम मचा है वहीं मृतक के पारिवारिक जान रो-रो कर बेहाल हैं। दो बच्चे अनाथ हो गए हैं।
असंद्रा थाना क्षेत्र के भवनियापुर गांव निवासी अवध प्रसाद शुक्ल की पुत्री बीनू (38) की शादी करीब बीस साल पहले रामसनेहीघाट कोतवाली क्षेत्र के पूरे शुक्ल मजरे महुलारा गांव निवासी संतोष कुमार मिश्रा से हुई थी। दोनों से एक पुत्र अभिनव (12) और पुत्री अदिति (16) हैं। सोमवार को संदिग्ध हालात में गंभीर हालत में घायल बीनू की घर से अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई थी। बीनू के गले, ललाट और होंठ पर चोट के निशान थे। घटना के बाद मचे हड़कंप के दौरान पुलिस भी पहुंची मगर अंतिम संस्कार कर दिया गया। लोग हत्या की चर्चा कर रहे थे मगर पुलिस का कहना था कि आंगन में गिरकर मौत हुई है। घटना के बाद से ही महिला का पति संतोष मिश्रा लापता हो गया था। मंगलवार को मृतका के पिता अवध प्रसाद शुक्ल ने रामसनेहीघाट कोतवाली में तहरीर देकर बेटी की हत्या और शव जलाने को तहरीर दी। चूंकि अंतिम संस्कार हो चुका था इसलिए पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम जांच शुरू की। अभी जांच चल ही रही थी कि मंगलवार की शाम लापता पति संतोष का शव गांव से दो किलोमीटर दूर निर्जन स्थान पर एक नीम के पेड़ से लटका मिला। इससे हड़कंप मच गया। ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। रामसनेहीघाट के एसएचओ ओपी तिवारी ने बताया कि इस घटना के बाद मायके के लोगों ने अपने आरोप वापस ले लिए हैं। यदि कोई तहरीर मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।
अनाथ हो गए भाई-बहन
संतोष मिश्रा और बीनू की मौत से उनकी पुत्री अदिति और पुत्र अनुभव महज 36 घंटे के अंदर अनाथ हो गए। सोमवार को मां की मौत के बाद दोनों बच्चे को बिलखता देख गांव वालों की आंखें भी नम हो गई थीं। पिता की मौत के बाद किसी की हिम्मत नहीं पड़ रही थी कि बच्चों से बताएं।
पहेली बनी मौत, भारी पड़ी लापरवाहीदंपति की मौत के बाद ग्रामीण सीधे तौर पर घरेलू कलह की चर्चा कर रहे हैं और पुलिस भी यही मान रही है। बीनू की मौत गंभीर चोट के कारण हुई। मगर यह चोट कैसे लगी यह अपने आप में राज बना हुआ है। वहीं, महिला की मौत के बाद पोस्टमार्टम न कराया जाना और पति के गायब रहने के बाद उसकी सघनता से खोजबीन न होना भारी पड़ गया।