दिल्ली
केंद्र सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त करने का आदेश जारी किया। जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद अनिल चौहान को सीडीएस की जिम्मेदारी मिली है। अनिल चौहान को आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में महारत हासिल है। उनकी बारामूला समेत जम्मू कश्मीर के कई जगहों पर तैनाती रही है। एनएसए अजीत डोभाल के मिलिट्री एडवाइजर रह चुके अनिल चौहान से जुड़ी कुछ खास बातें…
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल भारत सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी काम करेंगे। 18 मई 1961 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के नए सीडीएस होंगे। उन्हें 1981 में 11वीं गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था।
40 वर्षों के करियर में जमाई धाक
लगभग 40 वर्षों के करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कई कमांड, स्टाफ और सहायक नियुक्तियां हासिल की। उन्हें जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में व्यापक अनुभव रहा है। आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में उन्हें महारथ हासिल है।
बारामूला में तैनाती
आईएमए देहरादून और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला के पूर्व छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने उत्तरी कमान के बारामुला सेक्टर में मेजर जनरल के पद पर भी इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली है। बाद में पूर्वोत्तर में एक कोर की कमान संभाली और फिर सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने। 31 मई, 2021 को सेवा से सेवानिवृत्त होने तक वह इसी पद पर बने रहे।
पौड़ी से ही मिला देश को दूसरा सीडीएस
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे। एक हवाई दुर्घटना में उनकी मौत के बाद देश का यह अहम पद खाली चल रहा था। केंद्र सरकार द्वारा इस पद के लिए अनिल चौहान की नियुक्ति भी उत्तराखंडवासियों के लिए गर्व की बात है। चौहान का पैतृक आवास पौड़ी गढ़वाल में आता है। उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुशी जताते हुए कहा कि यह उत्तराखंडवासियों के लिए गर्व की बात है।
बहादुरी के लिए कई मेडल से सम्मानित
सेना में विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। वह एनएसए अजीत डोभाल के मिलीट्री एडवाइजर भी रहे हैं। चौहान ने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया है।