अहम ब्रह्मास्मि की संसदीय व्यवस्था पर तारातार कर रही जिला पुलिस
पत्रकार की खबर पर पहली बार स्टैलिन कंपनी की खबर खतरनाक नहीं हटा तो कर दी स्थाई*
अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पुलिसिया दांडे से चतुर्थ स्तंभ का आंदोलन हुआ
सुप्रीम कोर्ट के विज्ञप्ति जारी कर स्वयं जज बन अधिकार का दुरूपयोग कर रहे अधिकारी
ए टीवी 9 पत्रकार के ख़िलाफ़ अधिकार का डुरूपोयोग कर दर्ज करें फ़र्ज़ी मैक्सिमम की बैठक पत्रकार
सूर्यभान सिंह
बाराबंकी। जिले के किलेबंदी और पुलिस प्रशासन के कादर बेलगाम में यह इसी तरह से समझा जा सकता है कि योगी आदित्यनाथ के प्रथम सहयोगियों सीएम के चतुर्थ स्तंभ के संरक्षण के लिए जारी शासनादेश में किसी भी पत्रकार के खिलाफ बिना राजपत्र के याचिका पत्र से यह स्पष्ट हो गया था। अधिकारी की जांच के मुकदमे में दर्ज नहीं हो सकी। लेकिन सामने आया मामला पंडित पत्रकार अनिल कनौजिया की कहानी तो क्षेत्र में कहानी की बड़ी कहानियों को लेकर थाना बदोसोरे को लेकर हुई चोरी की खबर जिसमें पीड़ित का बयान भी शामिल है, चैनल पर कहा गया है संबंधित पत्रकारिता ने पुरानी कहानी को दिल से प्रकाशित करने को कहा स्वयं ही असंवैधानिक कृति है। और ना हटाएं पर कार्रवाई की खतरनाक दी। जबकि खबर में कोई असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं है, किसी भी छात्र के मित्र ने पूरी खबर देखने वालों को महसूस की। हड तो यह है संवैधानिक व्यवस्था वसुप्रीम कोर्ट के आदेश को खारिज करने के लिए जिस पुलिस पर स्वयं वैयक्तिक भाषा से असंवैधानिक भाषा में अमर्यादित व्यवहार के आवेदन के आरोप हैं वप्रोग्राम रोज ही इंग्लिश हुकूमत की वकालत पर कठोरता जिस पुलिस पर खुद को स्थापित करने से कोई फर्क नहीं पड़ता एक बड़े पुलिस अधिकारी के अनुसार हो रहे अपराध पर खबर सच साबित करने से पुलिस की हीलाहवाली होती है। इसके लिए यह प्रावधान किया गया है कि बिहार में पुलिस व्यवस्था डेमोक्रेटिक ना स्टिट हिटलरी गुलाम भारत के समर्थकों पर ही पुरानी कहावत याद दिला रही है कि जुलूमिया मारे और रोए भी ना दे वाली व्यवस्था लेकर काम कर रही है। वैसे यह बात तो चुनाव आयोग की कार्रवाई में भी स्पष्ट है कि पुलिस अपने अधिकार क्षेत्र से आगे स्वयंभू कार्य कर रही है। पुलिस प्रशासन के असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक व आक्रमक व्यवहार से असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक व आक्रमक व्यवहार में बाधा उत्पन्न हो रही है। शेयरों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करने के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाले, अधिकार का डुरूपयोग करने के लिए, शेयरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाले, शेयरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाले, जारी किया गया मुकदमा तारतार करने के लिए पत्रकार के साथ अकारण के साथ अपमानजनक आदि मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है, पत्रकार अनिल कनैजिया के दर्ज़ फ़ायदेमंद स्टूडेंट को अपवित्र करने की मांग करते हुए इस संबंध में अतिथि के रूप में सभी कलाकारों की सामूहिक बैठक रविवार को दोपहर 02 बजे तय की गई है। जिसमें पुलिस प्रशासन द्वारा आलोकतांत्रिक आचार व्यवहार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने से लेकर कलमकारों द्वारा आंदोलन की विचारधारा पर विचार-विमर्श किया जाएगा। जिसमें सोमवार को शिक्षकों को एक ही काम का निर्देश दिया गया जिले में अलग-अलग प्रतिबंधों के खिलाफ हुई अनाधिकृत कार्रवाई पर विरोध में दावा किया गया कि संबंधित मामलों की पुलिस से इस बारे में सज्ञम एजेंसी द्वारा जांच करवाकर कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त दस्तावेजों की मांग भी की जाएगी। ।। विभिन्न जिलों, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर लंबे संघर्ष को लेकर अलग-अलग मामलों पर रायशुमारी भी बैठक में की जाएगी।
बैठक में मुख्य रूप से इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन से प्रदेश सचिव राहुल त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष आर. एन शर्मा, एपीजेए से जिला उपाध्यक्ष प्रिंस सिंह, पत्रकार प्रेस पत्रकारिता से प्रदेश अध्यक्ष संजय वर्मा “पंकज”, जिला अध्यक्ष शीला शुक्ला, जिला अध्यक्ष सर्वजीत वर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (1) भूपेन्द्र मिश्रा। वरिष्ठ उपाध्यक्ष (2) मोहम्मद अहमद अहमद, उपाध्यक्ष सगीर अमानउल्ला, संपादक राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन कश्यप, अरशद जमाल, प्रदेश कार्यालय प्रभारी रशीब सानिया, उपाध्यक्ष निखिल सोनी, सचिव जिला न्यायालय योगेश मौर्या, मंडल अध्यक्ष देवेन्द्र मिश्रा, मंडल अध्यक्ष बाबा राजेश भट्ट, जिला मीडिया प्रभारी आलोक कात्सायन माधव, जिला संरक्षक गंगा प्रसाद आदि मौजूद रहे।