महान व्यक्तित्व भी टूट जाते हैं अपनों के रूखे व्यवहार से: विकास यादव

धर्म/ आध्‍यात्‍म/ संस्‍कृति

प्रतापगढ़

पत्रकार अतुल कुमार यादव

 

महान व्यक्तित्व भी टूट जाते हैं अपनों के रूखे व्यवहार से: विकास यादव

व्यक्ति दुनिया से संघर्ष करके विश्व पटल पर अपने आपको स्थापित कर लेता है परन्तु जिनको वो बड़े नाज से पालता है अपनी औलाद से व्यक्ति बेइंतहा मोहब्बत करता है यह सोचकर कि ये बड़े होकर उनकी सेवा करेंगे परन्तु उन्हीं औलादो से बड़े बड़े व्यक्तित्व हार जाते हैं जब उनका अपमान उनकी अपनी ही औलादें करती हैं।

अपने हाथों से जो वृक्ष लगाए जाते हैं उसे बड़ा किया जाता है कि बड़े होकर फल देंगे हमारे माता पिता हमसे बहुत उम्मीद रखते हैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना हम सबका परम कर्तव्य है अपने माता पिता के ह्रदय को कभी भी नहीं दुखाना चाहिए।

माता पिता अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं मनुष्य दुनिया की तमाम संघर्षों से लड़कर जीत सकता है परन्तु जिसको वह पालता है,पढ़ाता है,लिखाता है,और उसके सुखी जीवन की कामना करता है उनके रूखे व्यवहार से टूट जाता है । बड़े बड़े राजघराने, राजनैतिक कुनबे बुजुर्गो के अपमान से बिखर जाते हैं।

कभी भी अपने बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए। अपने गुरुओं का सम्मान करना चाहिए। सभी व्यक्ति सम्मान का भूखा होता है अतः हम सबका सम्मान करना चाहिए।

संगठन हो या संस्था हो या परिवार सबका अपना अपना महत्व है अतः हमें एक दूसरे की गरिमा बनाए रखें।

विकास यादव

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