हर्षोल्लास से मनाई गई पूरे देश में ईद, मस्जिदों में अदा की गई विशेष नमाज

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नई दिल्ली: रमजान का पवित्र महीना पूरा होने के साथ शनिवार को देशभर में धूमधाम और हर्षोल्लास से ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया गया। इस अवसर पर दिल्ली के जामा मस्जिद से लेकर पूरे देश की मस्जिदों और ईदगाहों में विशेष नमाज अदा की गई। दिल्ली में ईद का जश्न शनिवार सुबह मस्जिदों और ईदगाहों में विशेष नमाज अदा करने के बाद शुरू हुआ। ऐतिहासिक जामा मस्जिद में सुबह लगभग साढ़े छह बजे भारी संख्या में लोगों ने नमाज अदा की।

ईद की विशेष नमाज के लिए फतेहपुरी मस्जिद, ईदगाह और सुनहरी मस्जिद में काफी भीड़ उमड़ी। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। शहर के मुख्य बाजारों, खासकर जामा मस्जिद और चांदनी चौक के आसपास के बाजारों में लोग त्योहार के लिए खरीदारी करते दिखे।जम्मू-कश्मीर में शनिवार को ईद-उल-फितर का त्योहार पारंपरिक उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाया गया। डल झील के किनारे हजरतबल मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग जुटे। बहरहाल, प्राधिकारियों ने पुराने शहर में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में ईद की नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी। एक दिन पहले उन्होंने जुमे की नमाज की अनुमति दी थी। अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद ने कहा कि सुबह साढ़े सात बजे नमाज नहीं हो सकी, क्योंकि लोगों को पहले घोषित समय के अनुसार दूरदराज के इलाकों से आना था। शहर में मस्जिदों, ईदगाह और अन्य स्थानों पर नमाज पढ़ने के साथ ही ईद का जश्न शांतिपूर्वक मनाया गया। हजरतबल मस्जिद में सबसे अधिक संख्या में लोग जुटे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला समेत कई जाने-माने लोगों ने मस्जिद में नमाज अदा की। पुंछ में एक आतंकवादी हमले में सेना के पांच जवानों के शहीद होने के बाद संगियोटे गांव के निवासियों ने धूमधाम से ईद नहीं मनाई। अज्ञात आतंकवादियों ने बृहस्पतिवार को सेना के ट्रक पर हमला किया था, जिससे उसमें आग लग गई थी और पांच जवान शहीद हो गए थे। जवान संगियोटे में बृहस्पतिवार की शाम को होने वाले इफ्तार के लिए ट्रक से सब्जियां, फल और अन्य सामान लेकर जा रहे थे। संगियोटे के ग्राम प्रधान मुख्तियार खान ने बताया, ‘‘हमने सिर्फ नमाज अदा की। बृहस्पतिवार की शाम इफ्तार के लिए सामग्री ला रहे जवानों के शहीद होने से हम दुखी हैं।’’ डोडा, किश्तवाड़, रामबन, पुंछ, राजौरी, रियासी और कठुआ जिलों की अन्य मस्जिदों में भी ईद की नमाज अदा की गई। उत्तर प्रदेश में शनिवार को पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ ईद का पर्व मनाया गया, जिसमें समाज के हर तबके के लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। यहां ऐशबाग ईदगाह समेत प्रदेश भर में मस्जिदों और ईदगाहों में ईद-उल-फितर की नमाज अदा की गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ईद-उल-फितर के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट में योगी ने कहा, ‘‘ईद-उल-फितर का त्योहार खुशी और मेल-मिलाप का संदेश लेकर आता है। यह पर्व अमन-चैन और सौहार्द का संदेश देता है।

ईद के पर्व पर सभी को सद्भाव और सामाजिक सौहार्द सुदृढ़ करने का संकल्प लेना चाहिए।’’ विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रदेश में ईद की नमाज 31,838 स्थानों पर सकुशल संपन्न हुई और सबके प्रयास एवं कुशल प्रबंधन से कहीं कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने ईदगाह में मौलाना फरंगी महली समेत अन्‍य लोगों से मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘गले मिलने की सीख मुबारक-ईद मुबारक।’’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘सभी देशवासियों को ईद-उल-फितर की मुबारकबाद।’’ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर ईद की मुबारकबाद दी। मायावती ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश और देश-दुनिया में रहने वाले सभी भारतीय भाई-बहनों एवं उनके परिवार वालों को ईद उल-फितर की दिली मुबारकबाद एवं शुभकामनाएं। रमजान के एक महीने के रोज़े के बाद ईद की खुशी में अपने गरीब जरूरतमंद पड़ोसियों का भी जरूर ख्याल रखें, इसी में असली खुशी है।’’

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ईद-उल-फितर की बधाई दी और जालंधर के एक ईदगाह में राज्य की शांति और समृद्धि के लिए दुआ की। इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए मान ने कहा, ‘‘मैं आपके बीच आकर बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं। पंजाब की एकता और भाईचारा हमेशा कायम रहे।’’

उन्होंने कहा कि पंजाब गुरुओं और शहीदों की भूमि है। उन्होंने चंडीगढ़ में एक बयान में कहा, ‘‘हमारे गुरुओं ने हमें प्यार, भाईचारा और सच्चाई के साथ खड़े रहना सिखाया है। इसलिए यहां पंजाब में हिंसा और नफरत के बीज कभी नहीं पनप सकते।’’ मान ने कहा, ‘‘मैंने कभी भी जाति और धर्म की राजनीति नहीं की है।

पहले संगरूर से सांसद के तौर पर और अब पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने हमेशा लोगों की भलाई के लिए काम किया है।’’ उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की प्रगति गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही संभव है। मुंबई में मोहम्मद अली रोड, बांद्रा, गोवंडी और कुर्ला जैसी जगहों पर लोगों ने मस्जिदों में नमाज अदा की।

महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को लोगों को ईद और अक्षय तृतीया की बधाई दी। राजभवन द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा, ‘‘रमजान का पवित्र महीना रोज़े, इबादत और जकात के माध्यम से आंतरिक शुद्धि प्राप्त करने का महीना है। रमजान स्वयं की अनुभूति के माध्यम से दुनिया के कल्याण का मार्ग दिखाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ईद-उल-फितर सभी के लिए खुशी, अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लाए और यह सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा दे। मैं सभी को ईद की मुबारकबाद देता हूं, खासकर मुस्लिम भाइयों और बहनों को।’’

मुख्यमंत्री शिंदे ने अपने संदेश में कहा कि अक्षय तृतीय वर्ष के उन दिनों में शामिल है, जब कोई नयी शुरुआत की जाती है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने भी लोगों को ईद की बधाई दी। झारखंड में ईद का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राजधानी रांची में मस्जिदों में बड़ी संख्या में लोगों ने नमाज अदा की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने ट्वीट किया, ‘‘ईद-उल-फितर पर सभी को मेरी हार्दिक बधाई। ईद मुबारक!’’ केरल में बड़ी संख्या में लोगों ने ईदगाहों और मस्जिदों में विशेष नमाज अदा की। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन सहित राज्य के प्रमुख गणमान्य लोगों ने ईद की बधाई दी। केरल में राजभवन द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, राज्यपाल खान ने कोल्लम जिले की ईदगाह में ईद की नमाज अदा की। मुख्यमंत्री विजयन ने ट्वीट किया, ‘‘ईद-उल-फितर संस्कृतियों और धर्मों की सीमाओं से परे हम सभी को एक साथ लेकर आए। इस विशेष दिन को आपस में प्रेम बांटने के उत्सव के तौर पर मनाएं। सभी को इस खास दिन की बधाई।’’ असम में भी शनिवार को ईद का त्योहार मनाया गया। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इस अवसर पर लोगों को बधाई दी। गुवाहाटी में ईद की नमाज मचखोवा ईदगाह मैदान, बुरहा जामा मस्जिद और हटीगांव ईदगाह मैदान में अदा की गई। पश्चिम बंगाल में ईद-उल-फितर का पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सुबह मस्जिदों और अन्य स्थानों पर नमाज अदा की। इस मौके पर कोलकाता में ‘रेड रोड’ पर हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया। ईद की नमाज को सुचारू ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन की ओर से राज्यभर में व्यापक इंतजाम किए गए थे। शहर के ‘रेड रोड’ पर आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए ममता ने लोगों से एकजुट होने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हार हो। ममता ने यह भी दावा किया कि कुछ लोग नफरत की राजनीति करके देश को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी जान देने को तैयार हैं, लेकिन ‘‘देश का विभाजन नहीं होने देंगी।’’ हैदराबाद और तेलंगाना में भी ईद-उल-फितर का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी और अन्य नेताओं ने ईद-उल-फितर के अवसर पर बधाई दी। ईद के मौके पर शनिवार को तमिलनाडु के चेन्नई में आईलैंड ग्राउंड, मदुरै के तमुक्कम मैदान और राज्य के अन्य हिस्सों में आयोजित विशेष नमाज में सैकड़ों मुसलमान शामिल हुए। तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मुस्लिम भाइयों और बहनों को ईद-उल-फितर की बधाई दी। मेघालय के कई हिस्सों में शनिवार को ईद हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने इस अवसर पर लोगों को बधाई दी। शिलांग, दावकी, नोंगपोह, बरनीहाट और गारो हिल्स में लोगों ने विभिन्न मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की। हिंसा प्रभावित संबलपुर और ओडिशा के अन्य हिस्सों में शनिवार को ईद शांतिपूर्ण ढंग से मनाई गई। राज्यपाल गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस अवसर पर लोगों को बधाई दी। लाल ने ट्वीट किया, ‘‘ईद का शुभ अवसर सभी के लिए एकजुटता, सद्भाव और शांति की भावना लाये।’’ पटनायक ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ईद-उल-फितर के शुभ मौके पर सभी को हार्दिक बधाई। अल्लाह हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाए और हमें करुणा और प्रेम के मार्ग पर ले जाए।’’ गत 12 और 14 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के कारण इस साल संबलपुर में सामूहिक रूप से नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी गई। संबलपुर में दस अलग-अलग मस्जिदों में लोगों ने छोटे-छोटे समूहों में नमाज अदा की।