देवरिया : काम ऐसा करो कि क्वालिटी जैपनीज जैसी हो और लागत चाइना से भी कम आए। जब भी सोचो बड़ा सोचो। 20 साल बाद की सोचो, फिर अपने काम में इमानदारी से आगे बढ़ो। अगर आपके पास जज्बा है तो इनवेस्टमेंट आएंगे…। यह टिप्स देश की नामी कंपनी ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने बरपार स्थित जागृति के उद्यम केंद्र पर उपस्थित स्थानीय उद्यमियों को दिए। दरअसल सोमवार को सांसद शशांक मणि के अनुरोध पर वह एक दिवसीय भ्रमण पर देवरिया आए थे। पूर्वांचल से ननिहाल का नाता जोड़ते हुए यहां के लोगों, संस्कृति और वातावरण की खूब तारीफ की। दोपहर करीब एक बजे शहर के पुलिस लाइंस में उनका हेलिकाप्टर लैंड हुआ। सदर सांसद शशांक मणि के साथ वह जागृति उद्यम केंद्र पहुंचे। यहां उद्यमियों के साथ मौजूद जागृति की टीम ने उनका स्वागत किया। 300 साल पुराने बरगद वृक्ष की महत्ता को समझते हुए उन्होंने कुछ पल ध्यान किया फिर सभागार में उद्यमियों से रूबरू हुए। सीईओ आशुतोष कुमार ने ओला के संस्थापक को जागृति के मिशन और विजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान देवरिया के सीडीओ प्रत्युष पांडेय, कुशीनगर की सीडीओ गुंजन द्विवेदी, जागृति टीम से विश्वास पांडेय, बरगद अमृत संगठन के सह संस्थापक मुकेश सिंह आदि मौजूद रहे। जिंदगी को घंटो में नहीं गिना जा सकता, न कम, न ज्यादा। उन्होंने कहा कि जिंदगी को मकसद से गिना जा सकता है। सपने से जिया जा सकता है। हर इंसान के अंदर एक स्वधर्म होता है। जिसे इंसान अपने जीवन में महसूस करके प्राप्त कर लेता है। एक–दो पीढियों को तपस्या करनी पड़ेगी। इन पर देश को बनाने की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री के विकसित भारत का सपना साकार करना है। मैं जहां भी जा रहा हूं सब भारत की ओर देख रहे हैं। यहां के युवाओं में ऊर्जा है। इस दौरान राधा कृष्ण संस्कृत महा विद्यालय में संस्कृत विकास परिषद की गोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है और इसके विकास और उत्थान के लिए सांसद जी द्वारा किया जा रहा प्रयास अत्यंत सराहनीय है । जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कहा कि संस्कृत भाषा में एक आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है । संस्कृत विकास परिषद के सचिव प्रभाकर तिवारी ने सभी का आभार जताया ।
