बरेली: आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ़्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मीडिया को एक बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दरगाहों, खानकाहो और मदरसों में “मन की बात” करने का जो प्रोग्राम बनाया है वो बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम है, इससे हुकूमत और मुसलमानों के दरमियान जो बहुत सारी गलतफहमियां पैदा हो गई है वो दूर होंगी। साथ ही डायलॉग का सिलसिला शुरू होगा और इफाहाम व तफहीम (आपसी सम्बाद) के माध्यम से बातचीत का सिलसिला शुरू होगा। देश के प्रधानमंत्री पर हर नागरिक का हक़ है और प्रधानमंत्री का भी हर नागरिक पर अधिकार है कि वो अपने “मन की बात” कहें व सुनाये।
हिमाचल प्रदेश: गरीब विद्यार्थियों को मिलेगा एक प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा ऋण
मौलाना ने आगे कहा कि नरेन्द्र मोदी ने इतिहास के पन्नों को पलट कर रख दिया है, भारत में जब मुस्लिम बादशाह हुआ करते थे तो वो भी दरगाहों पर जाकर सूफियों के दरबार में हाजिरी लगाते अपने देश की उन्नति, तरक्की व खुशहाली के लिए दुआएं कराते, इसी परम्परा के तहत प्रधानमंत्री ने अपना कार्यक्रम बनाया है। आगे कहा कि इनके इस कदम से इतिहास के ढके चुके बाप (दरवाजा) को दुबारा नये अंदाज में खोलने की कोशिश कर रहे हैं, इनकी इस पहल से बहुत सारे ऐसे लोग जिनके ज़हनो में दरगाहों, खानकाहो और मदरसों के सम्बन्ध में ग़लत तस्वीर बनी हुई है इसका खात्मा होगा और इन इस्लामिक संस्थानो से प्यार व मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम पूरी दुनिया को पहुचेगा।
साथ ही यह भी रहा कि मैं इस समवाद कार्यक्रम का समर्थन करता हूं और मेरी ख्वाहिश है कि ये डायलॉग बड़े पैमाने पर जगह जगह होना चाहिए ताकि गलतफहमियों के बादल छटे और एक नये उन्वान की शुरुआत हो।
हिमाचल प्रदेश: गरीब विद्यार्थियों को मिलेगा एक प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा ऋण