अपर्णा यादव ने बुधवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल से मुलाकात की थी। जिसके बाद चर्चा है कि वो लोकसभा का चुनाव लड़ सकती हैं।लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने दो लिस्ट जारी कर दी हैं। बीजेपी की इन दो सूची में 250 से ज्यादा उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया गया है। इन्हीं सब के मद्देनजर अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो राज्य में अभी भी कई ऐसी सीटें हैं, जिन पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की गई है। साथ ही कई ऐसे नेता भी हैं, जिनको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी इन पर दांव खेल सकती है। इन्हीं में एक नाम है मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव का।
अपर्णा यादव यूपी विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से बगावत करके बीजेपी में शामिल हो गई थीं। तब से उन्हें पार्टी में कोई पद मिलने के कयाल लगाए जाने लगे थे। हालांकि, तब से अब तक उन्हें कोई पद नहीं मिला है। विधानसभा चुनाव से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि बीजेपी लखनऊ की किसी सीट से अपर्णा यादव को प्रत्याशी बना सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।अपर्णा यादव की लोकसभा टिकट मिलने को लेकर उस वक्त चर्चाओं का बाजार और ज्यादा गर्म हो गया। जब बुधवार को अपर्णा ने दिल्ली पार्टी मुख्यालय पहुंचकर पार्टी महासचिव सुनील बंसल से मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीरें अपर्णा यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर खुद शेयर कीं। जिसमें वो सुनील बंसल के साथ दिखाई दे रही हैं।हालांकि, अपर्णा यादव ने भाजपा महासचिव से हुई इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है। उन्होंने तस्वीरों के साथ लिखा, ‘आदरणीय सुनील बंसल जी से शिष्टाचार भेंट की।’ मुलाकात के दौरान अपर्णा यादव काफी खुश दिखाई दे रही हैं। ये तस्वीरें ऐसे समय में आई हैं जब लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमाई हुई है। ऐसे में उन्हें लेकर कई तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गईं हैं।बता दें, अपर्णा यादव को बीजेपी में शामिल हुए दो साल हो गए हैं, लेकिन अब तो वो बीजेपी में एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर ही काम कर रही है, कई बार उन्हें चुनाव लड़ाने की चर्चाएं तो हुईं, लेकिन पार्टी ने उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी और न ही चुनाव लड़ने का मौका दिया है।
बता दें, लोकसभा चुनाव में अपर्णा यादव की भूमिका और चुनाव लड़ने पर जब भी सवाल किए गए तो बीजेपी नेता इसे टालती रहीं।
सितंबर, 2023 में भी अपर्णा यादव की बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात की थी। उस वक्त उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल संतोष और संगठन मंत्री सुनील बंसल से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद लखनऊ में इसके अलग-अलग मायने निकाले गए थे।तब अपर्णा ने कहा था कि बीजेपी एक बड़ी और राष्ट्रीय पार्टी है। उन्हें पार्टी की तरफ से जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वो निभाएंगी। अपर्णा यादव का कहना है कि आगामी चुनाव के लिए उनकी जिम्मेदारी बीजेपी तय करेगी। पार्टी का लीडरशिप जो भी आदेश देगा, अपर्णा यादव उसके लिए तैयार हैं।
काफी वक्त से चर्चा यह भी है कि बीजेपी अपर्णा को यादव परिवार की सीटों पर लड़ना चाहती है, लेकिन अपर्णा यादव पहले ही पार्टी के शीर्ष नेताओं को अपनी कुछ भावनाओं से अवगत करा चुकी हैं। जिसमें यादव परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ चुनाव न लड़ने की बात है।यहां तक की बड़े नेताओं खासकर अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव, डिंपल यादव आदि के खिलाफ चुनाव प्रचार से भी वह परहेज करेंगी। मैनपुरी में जब डिंपल यादव चुनाव लड़ रही थीं तब भी अपर्णा ने वहां उनके खिलाफ प्रचार नहीं किया था।