अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

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नीरज शुक्ला/ रामनगर बाराबंकी: रामनगर तहसील क्षेत्र के बसंतपुर/भटौली में ज्येष्ठ महीने के अंतिम बड़े मंगलवार को अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ब्लाक प्रमुख रामनगर संजय तिवारी, ब्लाक प्रमुख सूरतगंज प्रतिनिधि शेखर हयारण ,पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि कुंवर आशीष सिंह द्वारा मां भारती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम संयोजक सुधाकर दीक्षित मृदुल, एवं आयोजक जगन्नाथ दीक्षित निर्दोष ने आए हुए मुख्य अतिथियों एवं कवियों को अंग वस्त्र व माल्यार्पण कर स्वागत अभिनंदन किया गया।

कार्यक्रम का सफल संचालन प्रसिद्ध कवि राम किशोर तिवारी किशोर ने किया। इस कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध लोकगीत कार जगन्नाथ दीक्षित निर्दोष ने पढ़ा-“गोरिया अईहौ जब गउवांकी डगरिया सहरिया का भूलि जइहौ” को लोगों ने खूब सराहा । सुधाकर दीक्षित मृदुल ने पढ़ा -“प्रभुता पद प्रतिष्ठा से परे राम हैं, प्रेम सम्भाव निष्ठा भरे राम हैं” पर लोगों ने मनोयोग से सुना। प्रशांत मिश्रा प्रखर ने पढ़ा -“बसंती फिजायें ये मौसम दीवाना, तुम आई तो लगने लगा आशिकाना । रिवाजों को दुनिया की हम भूल कर के बनाए चलो चांद पर आशियाना।। लखनऊ से आई कवियत्री नैना पांडे नाज ने पढा-” सिलसिले हैं मोहब्बत के ये उम्र भर यूं ही चलते रहे। तुम मुझे याद आते रहो ,मैं तुम्हें याद आती रहूं।।” परगी श्रोताओं ने खूब तालियां बजाई । प्रसिद्ध कवि मनोज मिश्र शीत ने पढ़ा-” ये सभी विष भरे वही पुराने प्याले हैं ,हरफनमौला अपने मन के मतवाले हैं” को लोगों ने खूब सराहा। संजय सांवरा ने पढ़ा -“बनके अधरों पर रहिए हंसी की तरह ,क्यों बने हो दृगों में नमी की तरह ” पंक्ति पर लोगों ने आनंद लिया। कवि सम्मेलन में बिंदु प्रकाश बिंदु, रोहित सरफिरा, संदीप अनुरागी ,रणधीर सिंह, शिवम मिश्र ने काव्य पाठ किया। श्रोता भोर पहर तक बहती हुई काब्य सरिता में डुबकी लगाते रहे। इस अवसर पर झब्बू तिवारी रामू शुक्ला बबलू शुक्ला संतोष मिश्रा उत्तम दीक्षित मोतीलाल मिश्रा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।