भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मौत के मामले में नामजद गायक व अभिनेता समर सिंह उर्फ समरजीत सिंह गिरफ्तारी के बाद हाथ जोड़कर रोने लगा। वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस के सामने गिड़गिड़ाया। बोला कि मैं बेकसूर हूं, छोड़ दीजिए। मेरा भविष्य चौपट हो जाएगा, लेकिन पुलिस ने सभी मिन्नतों को अनसुना किया और उसे हवालात में डाल दिया। वहीं, गिरफ्तारी के बाद गाजियाबाद के नंदग्राम थाने से लेकर मेडिकल मुआयना और फिर अदालत में पेश किए जाने के दौरान समर सिंह सिर झुका कर मुंह छिपाने का प्रयास करते हुए चुप्पी साधे रहा। फिल्म शूटिंग के लिए वाराणसी आईं अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की आत्महत्या के मामले में समर सिंह व उसका दोस्त संजय सिंह नामजद है।
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समर 10 दिन से पुलिस से आंख मिचौली खेल रहा था, लेकिन बृहस्पतिवार की देर रात वह पुलिस के चंगुल में फंस गया। वह गाजियाबाद में अपने जिस परिचित के फ्लैट में ठहरने के लिए पहुंचा था, वहां कमिश्नरेट की पुलिस को देखकर सन्न रह गया।
पुलिस ने गिरफ्तारी की बात कही तो वह रोने लगा। उसने पुलिस से गुहार लगाई और कहा कि आकांक्षा दुबे ने न कोई सुसाइड नोट नहीं लिखा था। ना आत्महत्या से पहले उस पर कोई आरोप लगाया, फिर भला उसे कसूरवार क्यों ठहराया जा रहा है? इसलिए उसे छोड़ दिया जाए।
पुलिस की पूछताछ में समर ने बताया कि उसके ऑफिस लखनऊ और मुंबई में हैं। रुपये के लेनदेन और उसके प्रमोशन से संबंधित कामकाज दोस्त संजय सिंह देखता है। उसे पता था कि मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस उसकी तलाश में आजमगढ़ के मेंहनगर स्थित घर जाएगी। फिर, लखनऊ और मुंबई स्थित उसके ठिकानों पर छापा मारेगी। इसलिए जानबूझकर मुंबई नहीं गया और लखनऊ भी छोड़ दिया।