खुशी दुबे के घर के बाहर लगाए गए CCTV कैमरे, पुलिस अफसरों से शिकायत करने पर कहीं ये बात

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कानपुर: जेल से बाहर आईं कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी आरोपी खुशी दुबे के घर की पुलिस रातों दिन निगरानी कर रही है। पुलिस ने घर के बाहर दो कैमरे लगाए हैं। सादी वर्दी में भी पुलिसवालों को तैनात किया गया है। कैमरों को लेकर खुशी के परिजनों ने आपत्ति जताई है।

उनका आरोप है कि सीसीटीवी से निगरानी कराकर उनकी निजता का उल्लंघन किया जा रहा है। वह जल्द ही पुलिस अफसरों से इस बात की शिकायत करेंगी। वहीं, संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा, खुशी दुबे का मामला हाईप्रोफाइल है, वह जमानत पर बाहर हैं। उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। इस मामले में बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो अनवांटेड हैं, जो वहां जाकर कोई गलत कार्य कर सकते हैं। इसलिए, घर के बाहर कैमरे और सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। पनकी के रतनपुर में खुशी दुबे का घर है। खुशी को ढाई साल बाद चार जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद वह 21 जनवरी को जेल से जमानत पर बाहर आ सकीं। खुशी के घर पहुंचने के तुरंत बाद उसके घर के दोनों तरफ पनकी पुलिस ने सीसीटीवी लगा दिए। खुशी दुबे के घर आने जाने वाले हर शख्स की डिटेल पुलिस निकाल रही है।

पता कर रही है कि कौन आ रहा है? किस लिए आ रहा है? हालांकि, बिकरू कांड के ज्यादातर आरोपी या तो एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं या फिर जेल में है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर खुशी की इतनी निगरानी क्यों की जा रही है। खुशी की मां गायत्री देवी के अनुसार इलाके में पुलिस का पहरा है। सादी वर्दी में पुलिस और खुफिया तैनात हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि अफसरों ने खुशी की हर गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। पुलिस की निगरानी को लेकर खुशी दुबे के परिवार और उनके वकील शिवाकांत दीक्षित ने आपत्ति जताई है।

‘सीसीटीवी हमारी निजता का उल्लंघन’

खुशी दुबे, उनकी मां गायत्री व बहन नेहा का आरोप है कि पुलिस की टीमों को उनके पीछे लगाया गया है। खुशी का कहना था कि सीसीटीवी लगाकर उनकी निजता का उल्लंघन किया जा रहा है। अगर प्रशासन को उसकी सुरक्षा की इतनी ही फिक्र है, तो वह उसे होमगार्ड दे दें। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। उसके घर आने जाने वाले नाते रिश्तेदारों से भी उनकी विषय में जानकारी ली जा रही है।

अनजान शख्स के पहुंचने पर हरकत में आई पुलिस

पुलिस सूत्रों ने बताया कि शनिवार को खुशी के रिहा होने के बाद काफी देर रात एक अनजान शख्स उसके घर पहुंचा था। इसके बाद घर के बाहर व गली में चार सीसीटीवी लगाए गए। रविवार सुबह मोहल्ले के लोग चकित रह गए कि रातों रात कैमरे किसने लगा दिए। एसीपी पनकी निशांत शर्मा ने बताया कि खुशी की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने कैमरे लगवाएं हैं।

क्या थी घटना की वजह

बिकरू गांव में कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे उसके साथियों द्वारा ताबड़तोड़ बरसाई गई गोलियों की मुख्य वजह मोहनी निवादा गांव स्थित साढ़े छह बीघा जमीन थी। क्षेत्र के ही जादेपुर गांव निवासी राहुल तिवारी ने 2 जुलाई को ही विकास दुबे व उसके साथियों के खिलाफ उक्त भूमि विवाद को लेकर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद सीओ देवेंद्र मिश्रा पुलिस टीम के साथ आधी रात विकास दुबे के घर पर दबिश देने के लिए पहुंचे थे। विकास और उसके साथियों द्वारा खेली गई खून की होली में डीसीपी देवेंद्र मिश्रा, तत्कालीन एसओ शिवराजपुर महेश यादव ,उपनिरीक्षक अनूप सिंह ,नेबू लाल, सिपाही जितेंद्र पाल, सुल्तान सिंह, बबलू कुमार व राहुल कुमार शहीद हो गए थे।