संवाद दाता:-सिद्धांत बच्चन
मिर्जापुर। दिनांक 09/10/2025 समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आदेशानुसार एवं जिलाध्यक्ष देवी प्रसाद चौधरी के निर्देश पर गुरुवार को सपा जिला कार्यालय लोहिया ट्रस्ट में दलितो व पिछड़ो के मसीहा मान्यवर कांशीराम की पुण्यतिथि मनाई गई। इसी कड़ी में सपा कार्यालय पर पुण्यतिथि के अवसर पर बसपा संस्थापक कांशीराम के चित्र पर सपा नेताओं द्वारा पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन कर कांशीराम के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष शिवशंकर सिंह यादव ने कहा कि कहा कि मान्यवर कांशीराम का जन्म 15 मार्च 1934 को पंजाब के रोपड़ जिले में हुआ था। कांशीराम जब पुणे की गोला बारूद फैक्ट्री में नियुक्त हुए थे, तो उस दौरान उन्हें पहली बार जातिगत आधार पर भेदभाव झेलना पड़ा, इस घटना का उनके जीवन पर गहरा असर पड़ा और उन्होंने साल 1964 में दलितों के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी। वह बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की किताब “एनीहिलिएशन ऑफ कास्ट” से काफी प्रभावित हुए।
शुरुआत में तो उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) का समर्थन किया, मगर बाद में इससे उनका मोहभंग हो गया। आपकी ‘चमचा युग’ किताब ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। कहा कि साल 1971 में उन्होंने अखिल भारतीय एससी, एसटी-ओबीसी और अल्पसंख्यक कर्मचारी संघ की स्थापना की।
साल 1978 में यह बामसेफ बन गया, इसका उद्देश्य अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और अल्पसंख्यकों के शिक्षित करना था उन्होंने उन्होंने तर्क दिया कि दलितों को अन्य दलों के साथ काम करके अपनी विचारधारा से समझौता करने के बजाय अपने स्वयं के समाज के विकास को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक रूप से काम करना चाहिए।
कहा कि उन्होंने 1984 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नींव रखी। उन्होंने अपना पहला चुनाव साल 1984 में छत्तीसगढ़ की जांजगीर-चांपा सीट से लड़ा था। वक्ताओं ने कहा कि कांशीराम सामाजिक न्याय क्रांति के अग्रदूत थे। कहा कि कांशीराम ने बहुजनों को एकत्रित करने और उनमें राजनीतिक चेतना का संचार करने का ऐतिहासिक काम किया। उनकी देन है कि बहुजन समाज आज राजनीति में निर्णायक भूमिका में है। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व जिलाध्यक्ष शिवशंकर सिंह यादव एवं संचालन जिला महासचिव आदर्श यादव ने किया।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री मुन्नी यादव, आशीष यादव, अशोक यादव, रोहित शुक्ला ‘लल्लू‘, रविन्द्र बहादुर सिंह, सुरेन्द्र सिंह पटेल, राजेश भारतीय, दामोदर प्रसाद मौर्या, आदर्श यादव, रामजी मौर्या, प्रिन्स राव, बब्बू चमार, सियाराम जैसल, संजय यादव, अनुराग यादव, जुम्मन खान, अखिलेश वर्मा, जगदीश भारतीय, शिवम मौर्या, महाबिन्द पाल, मो0 आफताब आलम, अमरेश सोनकर, महाबीर पाल, घनश्याम कोल, आफताब आलम, रमाकान्त यादव, राम नारायन राजभर, राहुल यादव आदि मौजूद रहे।