शहीद राजा हरिप्रसाद मल्ल को न्याय दिलाने की मुहिम तेज, महाविद्यालय का नामकरण किए जाने की उठी मांग

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संवादता वसीम खान मऊ :मधुबन विधानसभा क्षेत्र में नवनिर्मित राजकीय महाविद्यालय को लेकर एक नई जनभावना उभरकर सामने आई है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को पत्र भेजकर कॉलेज का नाम शहीद राजा हरिप्रसाद मल्ल के नाम पर रखे जाने की मांग की है।

अपने पत्र में रितेश मल्ल ने स्पष्ट किया कि राजा हरिप्रसाद मल्ल का बलिदान पूर्वांचल की मिट्टी में रचा-बसा है। उन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजों के खिलाफ खुलकर बगावत की थी और देवरिया, गोरखपुर व मऊ के क्षेत्र में स्वतंत्रता की अलख जगाई थी।

इतिहासकारों और क्षेत्रीय लेखकों के अनुसार, राजा मल्ल ने देवरिया से लेकर गोरखपुर तक अंग्रेजी सेना को कई बार टक्कर दी। उन्होंने जनबल और जल सेना की मदद से अंग्रेजों की छावनियों पर हमले किए और स्थानीय राजाओं से सहयोग लेकर युद्ध संचालन किया। अंततः उन्हें बहादुरपुर गांव के पास पकड़ कर अंग्रेजों ने नीली कोठी में गोली मार दी थी।

इस ऐतिहासिक घटना के बाद राजा मल्ल की कब्र को भी मिटा दिया गया और जिस किले में वे रहते थे उसे सरकारी कार्यालय में बदल दिया गया। उनकी स्मृतियां धीरे-धीरे सार्वजनिक जीवन से गायब होती चली गईं।

रितेश मल्ल का कहना है कि देश आजादी का अमृतकाल मना रहा है, लेकिन कई ऐसे स्वतंत्रता सेनानी अब भी गुमनाम हैं जिन्हें इतिहास ने भुला दिया। राजा हरिप्रसाद मल्ल उन्हीं में से एक हैं। उनका सम्मान सिर्फ परिवार या समाज के लिए नहीं, पूरे राष्ट्र के लिए प्रेरणा बन सकता है।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह नामकरण केवल एक प्रशासनिक कार्य नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक न्याय है। यदि नवनिर्मित कॉलेज का नाम राजा मल्ल के नाम पर रखा जाता है तो भावी पीढ़ी को उनके बलिदान से जुड़ने का अवसर मिलेगा और क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती मिलेगी।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने इसे स्थानीय अस्मिता का सवाल बताया है और इस मांग को पूरी गंभीरता से सरकार के समक्ष रखा है। पार्टी का कहना है कि राजा हरिप्रसाद मल्ल के योगदान को लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया है, अब समय है उन्हें सही स्थान और सम्मान देने का।

प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से अपील की है कि इस ऐतिहासिक चूक को सुधारा जाए और नए महाविद्यालय को शहीद राजा हरिप्रसाद मल्ल के नाम से घोषित किया जाए, जिससे न सिर्फ बलिदान की स्मृति अमर हो बल्कि राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा भी जन-जन तक पहुंचे।