अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार खोद रहा मिट्टी, बाढ़ के समय हो सकता है खतरा

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संवाददाता- नीरज शुक्ला (रामनगर बाराबंकी),

 

तीसरी रेल लाइन बनवाने के लिए रेल ठेकेदार नदी किनारे ही रेलवे विभाग की मिट्टी खुदवा रहा है जिससे रेलवे बाँध को बाढ़ के समय खतरा हो सकता है।

मिट्टी रेलवे बाँध व रेल लाइन के बीच खोदी जा रही है जो नियम कानून के लिहाज से गलत मानी जा रही है।केसरीपुर से घाघरा पुल तक रेल लाइन के किनारे तीसरी लाइन बन रही है जिसके लिए मिट्टी रेलवे की जमीन से खुद कर आ रही है।

मिट्टी ऐसी जगह खोदी जा रही है जंहा पूर्वी उत्तरी सिरे पर
रेलवे का बाँध बना है व दक्षिणी सिरे पर रेल लाइन निकली है।
यह बाँध गणेशपुर से होकर बाहर बाहर लोहटी जई के किनारे होते घाघरा पुल तक आया है।

मिट्टी खनन वाले स्थान पर सरयू नदी जब बढ़ती है तो घूम कर पानी यंहा आकर इस बाँध में ठोकर मारता है।2023 में इसमें रिसाव हुआ था तो बाढ़ कार्य खंड बाराबंकी ने आनन फानन सही कराया था।

यंहा मिट्टी गहरी खुदवाना सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं माना जा रहा मगर हजारों डमफर मिट्टी यंहा से खुद चुकी है और लगातार खुदना जारी है । यंही कुछ दूर नदी पर तीसरा पुल बन रहा है जंहा गाटर डाले जा रहे।

कोठियों तक जाने के लिए नदी के अंदर खनन कर रास्ता बनाया जा रहा जब कि मिट्टी बाहर से लानी चाहिए। नदी में इधर उधर खनन बाढ़ के समय
क्षति पंहुचा कर नदी के बहाव की दिशा बदल देता जिससे कटान बढ़ती है।

इस पर रेलवे इंजीनियर भी ध्यान नहीं दे रहे। एन जी टी से लेकर मिट्टी खनन के नियमों की अवहेलना कर ठेकेदार अपना हित साध रहे हैं और रेल विभाग चुप्पी साधे है। निर्माण कार्य से जुड़े जिम्मेदारान अफसर की भी मिली भगत लग रही हैं। कई जगह गोंडा से बुढ़वल रेल लाइन किनारे की ही मिट्टी खोद कर तीसरी लाइन के लिए पाटी गई है।

इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के डी आर एम लखनऊ से जब जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी में नहीं है। मामले को पता लगाकर जाँच की जाएगी।