तीन अस्पतालों में लगे ऑक्सीजन प्लांट ट्रायल तक ही सीमित

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बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में कोरोना के दूसरी लहर के दौरान जिस तरह से ऑक्सीजन की मांग बढ़ी थी, ऐसी स्थित दोबारा न हो इसे देखते हुए जिले के पांच अस्पतालों में छह ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए। लेकिन इनमें से तीन का ही संचालन होने का दावा किया जा रहा है। जबकि तीन प्लांट ऐसे हैं जो सिर्फ ट्रायल तक सीमित होकर रह गए हैं। जिससे इसका लाभ इन अस्पतालों में आने वाले मरीजों को नहीं मिल रहा है।

कोरोना के दूसरी लहर के दौरान ग्रसित मरीजों में ऑक्सीजन की कमी काफी ज्यादा हुई। जिले में ऑक्सीजन के लिए मारामारी मच गई, निजी ऑक्सीजन प्लांटों पर सुबह से लेकर रात तक लोगों की लाइनें लगने लगीं थी। इस समस्या को देखते हुए अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने का निर्णय शासन स्तर से लिया गया। इसी के तहत जिला पुरुष अस्पताल में दो, जिला महिला अस्पताल में एक, सीएचसी फतेहपुर, संयुक्त चिकित्सालय सिरौलीगौसपुर और सीएचसी सिद्वौर में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए।दावा किया जा रहा है कि जिला पुरुष और महिला अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट तो संचालित किए जाते हैं। लेकिन संयुक्त चिकित्सालय और सीएचसी पर लगे ऑक्सीजन प्लांट सिर्फ ट्रायल के दौरान ही संचालित हो रहे हैं। इससे इन अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

इस बाबत एससीएमओ डॉ. डीके श्रीवास्तव का कहना है कि बीच-बीच में ऑक्सीजन प्लांटों को चलाकर ट्रायल किया जाता है। जिससे की आवश्यकता के समय यह काम आ सकें।

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