नई दिल्ली. गृह मंत्रालय (एमएचए) लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले किसी भी समय नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियमों को अधिसूचित कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक, सीएए नियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. आपको बता दें कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 फरवरी को नई दिल्ली में कहा था कि सीएए को लागू करने के नियम आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जारी किए जायेंगे और लाभार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी.

सीएए के लागू होने की सबसे बड़ी वजह है लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होना. केन्द्र सरकार इसे लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले इस कानून को लागू करना चाहती है. दूसरा सीएए को लेकर कुछ समय पहले सरकार द्वारा एक पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है. पात्र पड़ोसी देशों से आने वाले विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा और गृह मंत्रालय इसकी जांच कर नागरिकता जारी कर देगा.सूत्र के मुताबिक, सीएए रूल्स के मुताबिक नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र के पास होगा. सीएए कानून के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 के पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान देशों से आए विस्थापित अल्पसंख्यक को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी.आपको बता दें कि संसद ने दिसंबर 2019 में संबंधित विधेयक को मंजूरी दी थी और बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसके विरोध में देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे. सीएए को लेकर देश में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थीं. कई राजनीतिक दलों ने भी इसका विरोध किया था. इस वजह से सरकार ने रूल्स फ्रेम करने में देरी की थी पर अब सीएए रूल्स का नोटिफिकेशन होम मिनिस्ट्री ने जारी करने की पूरी तैयारी कर ली है.
कैसे करना होगा आवेदन
अधिकारियों ने कहा कि नियम तैयार हैं और ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार है, क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. आवेदकों को वह वर्ष बताना होगा, जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था. आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. विवादास्पद सीएए को लागू करने का वादा पश्चिम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में भाजपा का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था.