इटावा: घर में बच्चों के साथ खाना खाते समय युवक को बाहर बुलाकर गोली मारकर मौत के घाट उतारने के मुख्य आरोपी को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनायी है। जबकि सहआरोपी दो भाईयों व पिता को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
ऊसराहार थाना क्षेत्र के गांव हिरमानी की रहने वाली ललितादेवी ने अपने पति की हत्या की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। 23 अप्रैल 2017 में दर्ज करायी गयी रिपोर्ट में ललिता ने आरोप लगाया था कि वह अपने पति व बच्चों के साथ 22 अप्रैल की शाम को अपने घर में खाना खा रही थी। तभी गांव के रहने वाले केदार सिंह अपने तीन बेटों राजपाल, देवेश व रामू के साथ आये और पति राकेश कुमार को आवाज देकर बाहर बुलाया। पति जैसे ही बाहर निकलकर गये तभी सभी ने हमला कर दिया और लाठी डंडों से मारपीट करने लगे। विरोध पर राजपाल ने उनको गोली मार दी। पेट में गोली लगने से उनकी मौत हो गयी। गांव के लोगों के आने पर उक्त सभी धमकी देकर भाग निकले। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज विवेचना की और चारों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवायी पोक्सो एक्ट कोर्ट में हुयी। पीड़ित पक्ष की ओर से एडीजीसी अजीत तोमर ने पैरवी की। न्यायाधीश अजय कुमार द्वितीय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोप तो सही माना लेकिन दोषी केवल राजपाल सिंह को मानते हुये उम्र कैद की सजा व एक लाख 10 हजार रुपये अर्थदंड जमा कराने का आदेश दिया। जबकि अन्य तीनों आरोपी केदार सिंह, उनके बेटों देवेश व रामू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। बता दें कि दोषी करार दिये गये राजपाल भी केदार सिंह के ही बेटे हैं।
अयोध्या: तीन शिफ्ट में होगा अयोध्या रामपथ का कार्य : जितिन प्रसाद