शिक्षा विभाग को बदनाम करने पर लगे है शिक्षा विभाग के ही कुछ नुमाइंदे

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गाजीपुर:

संवाददाता: पुनित कुमार त्रिपाठी मण्डल ब्यूरो वाराणसी

 

शिक्षा विभाग को बदनाम करने पर लगे है शिक्षा विभाग के ही कुछ नुमाइंदे

गाजीपुर। गाजीपुर जनपद आज कल शिक्षा को ले कर काफी चर्चा में है। जैसे कि अभी हाल ही में करंडा का मामला सबके सामने आया था कहीं पढ़ाई को लेकर लापरवाही दिखाई दे रही है तो कहीं विद्यालय में प्रधानाध्यापक अपने ही बच्चों से लकड़िया रखने का काम करते हैं ऐसा ही एक मामला देवकली ब्लाक के रसूलपुर पचरासी पचरासी ग्राम सभा का है जहां पर रसूलपुर पचरासी प्राथमिक विद्यालय यादव बस्ती में प्रधानाध्यापक राजेश पांडे जी द्वारा 10:00 बजे ही विद्यालय की छुट्टी कर दी जाती है और अपने कार्यालय में आराम फरमा रहे हैं जब मीडिया की नजर प्राथमिक विद्यालय पर पड़ा तो काफी सन्नाटा दिखाई दे रहा था। जब विद्यालय पर पहुंचने के बाद देखा गया कि प्रधानाध्यापक राजेश पांडे जी आराम फरमा रहे थे और विद्यालय में एक भी बच्चे नहीं थे जब उनसे बात हुई तो उन्होंने बताया कि आज उनका भोजन नहीं बन पाया था इसलिए बच्चे घर गए हैं। आखिर सरकार की बनी बनाई मनसा पर ऐसे प्रधानाध्यापक द्वारा मिट्टी डाल दिया जाता है। जब प्रधानाध्यापक से पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि रसोई घर में सामान रखा गया है इसलिए आज लड़कों का भोजन नहीं बन पाया है और सारे बच्चे घर गए हैं खाना खाने सबसे बड़ी बात यह है कि टोटल बच्चों की उपस्थिति 15 थी लेकिन लंच के बाद मात्र 5 से 6 बच्चे आए हुए थे और सब बच्चे कहां चले गए प्रधानाध्यापक को कोई सुध नहीं था बात करें सहायिका की तो वहां पर 2 सहायक अध्यापक है जिसमें से एक छुट्टी पर थी और दूसरी सहायक अध्यापक किसी कार्य से गांव में थी अब सवाल यह उठता है कि ऐसे अध्यापक के ऊपर एबीएसए उदयचंद्र राय की नजर नहीं जाता है ऐसे अध्यापक के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होती इसीलिए ऐसे अध्यापक समय से ना आते हैं और ना ही समय से जाते हैं और मौका देखते ही बच्चों की छुट्टी कर देते हैं अब देखना है कि इस मामले में बीएसए हेमंत राव किस तरह की कार्यवाही करते हैं